हरियाणा में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल को मिला जुला असर
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हरियाणा में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल को मिला जुला असर

हरियाणा में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल को मिला जुला असर

हरियाणा में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल को मिला जुला असर

पहले दिन ज्यादातर जिलों में चलती रही बसें
कर्मचारी संगठनों ने गेट मीटिंग कर किया विरोध प्रदर्शन

चंडीगढ़, 28 मार्च। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सोमवार से शुरू हुई कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल को हरियाणा में मिला जुला असर मिला। कई जिलों में बस सेवा बंद होने के कारण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई जिलों के बैंकों में कर्मचारी तो मौजूद रहे लेकिन कामकाज नहीं हुआ। कर्मचारी संगठन जहां हड़ताल को कामयाब बता रहे हैं वहीं सरकार का तर्क है कि बस व अन्य सार्वजनिक सेवाएं सामान्य की भांति जारी रही।
आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि कर्मचारी संगठन सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी सहित देश की दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन सहित सैकड़ों कर्मचारी संघों के संयुक्त आहवान पर आज शुरू हुई हड़ताल को भरपूर समर्थन मिला है।
बैंक, बीमा,डाक,तार भूजल बोर्ड सहित केन्द्रीय कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं के कर्मचारियों ने हड़ताल में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। जिसके कारण पब्लिक डिलिंग व सफाई का काम काज ठप्प रहा। बिजली निगम के शिफ्ट में कार्यरत तकनीकी कर्मचारी रविवार रात 10 बजे से ही हड़ताल पर चले गए थे और सुबह बिजली निगमों के अधिकतर कर्मचारी हड़ताल पर रहे। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा टूरिज्म, सिंचाई व बीएंडआर के फिल्ड व मिनिस्टीरियल स्टाफ के हड़ताल में शामिल होने से काम काज ठप्प रहा। 
प्रदेश की लगभग सभी युनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग,राजस्व विभाग, डीआईटीएस,पैक्स के पटवारी एवं कानूनों,नहर पटवारी भी हड़ताल में शामिल रहे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण वहां भी काम काज ठप्प रहा। राज्य के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं, पंचायत राज संस्थाओं, सोसायटी व विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत लाखों कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया। 
हरियाणा के कई जिलों में रोड़वेज की बसों का चक्का जाम होने की खबरें हैं। जिस कारण यात्रियों को भारी दिक्कतें आई। भिवानी में हड़ताल रात 12 बजे से ही शुरू हो गई। सुबह प्रशासन रोडवेज डिपो पर पहुंचा और प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को किनारे किया। वहीं, बसें न चलने की वजह से यात्री परेशान हो रहे हैं। बसों को निकालने को लेकर कर्मचारियों और पुलिस प्रशासन के बीच कहासुनी हुई।
पानीपत में भी बस सेवाएं प्रभावित रही। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। यही कारण है कि कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
कैथल में कर्मचारियों की हड़ताल का मिला जुला असर रहा। कर्मचारी संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने हड़ताल की। स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस कारण लोगों को काफी परेशानी आई। सरकारी बैंक बंद होने से लेनदेन नहीं हो पाया। इस कारण उपभोक्ताओं को बिना कामकाज के वापस लौटना पड़ा। बिजली, जनस्वास्थ्य, सफाई कर्मचारी, वन विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया। रोडवेज की बसें चल रही हैं। विभाग ने पहले ही 25 बसों को डिपो से बाहर खड़ा करवा दिया था। सुबह रोजाना की तरह बस डिपो से भी निकली।
अंबाला में रोडवेज यूनियन ने 60 बसें रोडवेज में रोक ली हैं। जिन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया। इसके साथ ही रोडवेज यूनियन ने वर्कशाप में धरना लगा दिया है। वहीं संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बैंक, पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग, रिटायर कर्मचारी संघ आदि विभागों ने धरना दे रहे हैं। हालांकि सडक़ें पर अन्य बसें दौड़ती हुई नजर आ रही हैं।
हरियाणा के हिसार में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल में अपनी भागीदारी दिखाई। कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एकजुटता के साथ हड़ताल कामयाब करने के निर्देश दिए।
उधर झज्जर जिला में देशव्यापी हड़ताल का कोई असर दिखाई नहीं दिया। यहां रोडवेज की बसें सामान्य की भांति चली। झज्जर और बहादुरगढ़ दोनों स्थानों से रोजमर्रा की तरह बसें चली। झज्जर से आज सुबह 55 तथा बहादुरगढ़ से 48 बसें विभिन्न शहरों के लिए निकली।
रेवाड़ी जिले में हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिला। हड़ताल के बावजूद सडक़ों पर सामान्य की भांति बसें चलती रही। रेवाड़ी में चक्का जाम जैसा कोई माहौल देखने को नहीं मिला। रेवाड़ी के वर्कशॉप में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ कई घंटे तक जमकर नारेबाजी की। हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि जिलों में हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। 
इसी में बाक्स---
क्या हैं कर्मचारियों की मांगे
--पीटीआई व ग्रुप डी खेल कोटे के कर्मचारियों सहित छंटनी ग्रस्त सभी कर्मचारियों की सेवाएं बहाल करना
--एनएचएम,गेस्ट टीचर सहित सभी अनियमित व ठेका कर्मचारियों को पक्का करना
--पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करना
--न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करना
--18 महीने के एरियर का भुगतान करना
--वेतन विसंगतियों को दूर करने,एक्स ग्रेशिया रोजगार स्कीम की शर्तों को हटाना